स्वप्न प्रारम्भ से ही उत्सुकता एवं जिज्ञासा
से भरा विषय रहा है। हर व्यक्ति अपने देखे गए स्वप्न का अर्थ (Interpretation of dream)
जानना चाहता है। स्वप्न कई बार मनोभाव तो कई बार भूत,
वर्तमान, भविष्य की भी सूचना देते है। इन दोनों के मध्य एक
बारीक रेखा होती जो इनका विभाजन करती है।
प्रश्न-स्वप्न में भगवान या इष्ट देव को देखने का क्या मतलब होता है?
What is the meaning of my dream if I see God?
उत्तर- स्वप्न में इष्ट देव का प्रत्यक्ष या प्रतिमा दोनों ही रूप में प्रकट होना शुभ समझा जाता है, इस स्वप्न के फलस्वरूप मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। देवता द्वारा कुछ भेट में मिलना कार्य सिद्धि की सूचना देता है।
यदि देवता आज से तू
मेरा दास है ऐसा बोलते है तो स्वयं देवता स्वप्न दृष्टा को शिष्य स्वीकार करते है।
यदि स्वप्न में इष्ट देव कोई मंत्र बताते है, तो वह आपका गुरु मंत्र होगा।
मंत्र का श्रद्धा पूर्वक नित्य जाप करें। दैहिक, भौतिक और
आध्यात्मिक तीनों सुख की प्राप्ति होगी।
स्वप्न में इष्ट देव को रुष्ट अवस्था में
देखना शुभ नहीं समझ जाता।
इष्ट की मूर्ति का गायब,
खोना या चोरी होने का दृश्य देखना भी शुभ नहीं है, इस
स्वप्न के फलस्वरूप महान विपत्ति का सामना करना पड़ता है। किसी के मत से इष्ट की
मूर्ति चोरी होने का दृश्य मृत्युतुल्य कष्ट की पूर्व सूचना देता है, परंतु ऐसा आवश्यक नहीं है।
नोट- स्वप्न में देवता के साथ हुए संवाद गुरु
और ज्योतिषी के अतिरिक्त किसी को नहीं बताना चाहिए। अन्यथा सिद्धि जाने का भय रहता
है।