विश्व का शायद ही
कोई ऐसा क्षेत्र
होगा, जिसमे शकुन
अपशकुन संबंधी मान्यताओं पर
विश्वास न किया
जाता हो, फिर भी शकुन
की सार्थकता
सदियों से बहस का विषय रही है।
कुछ लोग शकुन में आस्था रखते है तो कुछ इसे अन्धविश्वास (Superstitions) मानते है।
कुछ लोगों
का यह भी मानना है, कि शकुन अपशकुन सिर्फ गाँव देहात के बिना पढे
लिखें लोगों तक ही
सीमित है, मगर ऐसा नहीं है। शकुन
की जड़े गाँव हो या शहर, अनपढ़ हो या
पढे लिखे, देश हो या विदेश हर जगह
फैली हुयी है। प्रत्येक समाज का वर्ग किसी न किसी
रूप में शकुन पर
विश्वास करता आया है।
शकुन अपशकुन क्या होता है?
शकुन समाज में प्रचलित अवधारणा है, जिसमें कुछ विशेष प्रकार की घटनाओं के माध्यम से भविष्य के संकेत प्राप्त किए जाते है। जिन घटनाओं से अनुकूल फल की प्राप्ति होती है उसे “शकुन” और जिनसे अशुभ फल की प्राप्ति होती है उसे “अपशकुन” कहते है। यह शकुन अपशकुन संबंधी मान्यताए विश्व भर में प्रचलित है।
जैसे की किसी
शुभ कार्य के
लिए जाते समय
मार्ग में बिल्ली
ने रास्ता काट
लिया या कोई पीछे से छीक दे तो हम इसे अशुभ संकेत मानकर रुक
जाते है। ऐसी ही देश विदेश में प्रचलित ढ़ेरों
शकुन अपशकुन से
आप सब भी भली प्रकार
से परिचित होंगे। आज के इस लेख
में हम शकुन
अपशकुन संबंधी देश
विदेश में प्रचलित कुछ
ऐसी ही मान्यताओं को जानने का प्रयत्न करेंगे और यथा संभव उनकी सार्थकता पर भी विस्तार से चर्चा
करेंगे।
पौराणिक कथाओं में शकुन अपशकुन (Omens in Hindu Mythology)
शकुन
अपशकुन के उत्पत्ति के समय
के विषय में द्रढता
पूर्वक तो नहीं कहा जा सकता। परंतु रामायण, महाभारत, पुराण (Hindu Religious Book) आदि प्राचीनतम ग्रन्थों में शकुन अपशकुन
का जिक्र कई बार बार आता है। अतः शकुन अपशकुन की जड़े उतनी ही ही
पुरानी है, जितनी की मानव सभ्यता। इस बात की पुष्टि के
लिए हम कुछ उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है-
महाभारत में शकुन अपशकुन (Omens in Mahabharat)- जब महाभारत का युद्ध
प्रारम्भ होने वाला था तो महर्षि वेद व्यास धृतराष्ट के पास जाकर कहते है, प्रकर्ति से भीषण युद्ध होने के
के संकेत प्राप्त हो रहे है। इस युद्ध में कौरवों के साथ कई और राजा की मृत्यु
हो जाएगी।
महाभारत के एक अन्य प्रसंग के
अनुसार जब कर्ण युद्ध के लिए जा रहे थे तो बिना बादल के बिजली कड़कने लगी, चिड़िया उल्टी दिशा में जा रहे थे और कर्ण
का प्रिय घोडा जमीन में
पड़ा रो
रहा था। इतने अपशकुन के संकेत मिलने पर भी कर्ण युद्ध के लिए चले जाते है।इन अपशकुन के फलस्वरूप कर्ण की युद्ध में मृत्यु हो जाती है।
रामायण में शकुन अपशकुन (Omens in Ramayana )- महर्षि वाल्मीकि हो
या तुलसी दास कृत रामायण दोनों में ही शकुन अपशकुन का कई
स्थान पर जिक्र मिलता है। महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण अनुसार जब
श्री राम खरदूषण के वध करने के गए तो श्री
राम का दाया बाजू बार बार फड़कना युद्ध
की संभावना को दर्शा रहा था।
इसी प्रकार जब अशोक वाटिका में बैठी
सीता का जब वाम नेत्र फड़कने लगा तो उन्हे लगा अब निश्चित ही श्री राम की कोई सूचना
मिलने वाली है। क्योंकि स्त्री का बाया और पुरुष
का दायाँ नेत्र फड़कना शुभ समझा जाता है तभी श्री हनुमान अशोक वाटिका
में प्रकट होते है।
विदेशों में शकुन अपशकुन (omens in western country)
कुछ लोग मानते है शकुन अपशकुन सिर्फ गाँव देहात के बिना पढे
लिखें लोग तक ही
सीमित है, मगर ऐसा नहीं है। शकुन
की जड़े गाँव हो या शहर, अनपढ़ हो या
पढे लिखे, देश हो या विदेश हर जगह
फैली हुयी है। विकास के रथ पर सवार पाश्चात्य जगत जो हर चीज़ को वैज्ञानिकता की कसौटी से परखता
है। वह भी शकुन
अपशकुन पर सदियों से विश्वास करता रहा है और आज भी करता है। अंक 13 को अशुभ समझना हो या किसी की तारीफ करते
समय टच वुड कहकर लकड़ी को छूना या
टूटते तारे से मुराद मांगना आदि ऐसे ढेरों शकुन पाश्चात्य जगत की ही देन है।
कार्य सिद्धि से जुडे शकुन अपशकुन (Omens related to Success)
Omens of Success- किसी
कार्य को प्रारम्भ करते या किसी
शुभ कार्य के लिए जाते समय समय ब्राह्मण, गाय बछड़े के साथ, मौर,
कोयल, धोबी धुले हुये वस्त्रों के साथ, कन्या, तोता, पानी भरा हुआ कलश या बर्तन आदि शुभ शकुन दिखाई दे जाए तो कार्य में सफलता
मिलती है।
Omens of failure- यदि किसी शुभ कार्य के लिए जाते समय मार्ग में गंजा व्यक्ति, विधवा स्त्री, काली बिल्ली, सन्यासी आदि मार्ग
में दिख जाए तो कार्य में बाधा या असफलता का सामना करना पड़ता है।
Search key:- Shakun apshakun vichar in hindi, shubh shakun, abshakun, god or bad omens, Hindu omens, Omens in Hindu Mythology, Indian omens, omens and Hinduism, omens in western country, The history of omens..