वास्तु शास्त्र । Vastu shastra - Gvat Gyan

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वास्तु शास्त्र । Vastu shastra

 gvat vastu shastra

जीवन भर के कठोर परिश्रम से प्राप्त धन से व्यक्ति घर, कार्यलय का निर्माण करता है, और यदि उसमे कोई वस्तु दोष उत्पन्न हो जाए तो जीवन में विभिन्न समस्या का सामना करना पड़ता है। रोग ठीक नहीं होते, व्यापार में घाटा होते चला जाता है। वास्तु विशेषज्ञ को दिखाने पर पता चलता है, कि घर में तो वास्तु दोष है।


वास्तु क्या होता है? (What is Vastu Science)

वास्तु शास्त्र का आधार प्रकर्ति हैहम जानते है सृष्टि का निर्माण आकाश, जल, अग्नि, पृथ्वी और वायु से हुआ है, जिसे हिन्दी में पंच तत्व और इंग्लिश में Five element कहते है।
सभी जीव-जन्तु इन पंच तत्व से प्रभावित रहते है। जब वास्तु नियमों का पालन करके घर, आफिस का निर्माण किया जाता है तो हमारी ऊर्जा संतुलन में रहती है जिसके फलस्वरूप positive thinking  में भी वृद्धि होती है और हम सफलता प्राप्त करते है। इसलिए हमें सुख पूर्वक जीवन यापन करने के लिए आपने घर, आफिस ही नहीं अपने आस-पास के वातावरण में पंच तत्व का संतुलित बनाए रखना चाहिए।


घर दफ्तर में वास्तु नियमों का पालन करना क्यों आवश्यक है?

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली तो अच्छी है लेकिन घर में वस्तु दोष है, तो व्यक्ति उतनी तरक्की नहीं कर पाता जितना की उसे करना चाहिए थी। अर्थात मनुष्य के भाग्य का वास्तु से भी घनिष्ठ संबंध है। इसलिए हमें वास्तु नियमों को पालन करना चाहिए और यदि घर में किसी प्रकार के वास्तु दोष होतो उसका भी यथा संभव उपाय कर लेना चाहिए।

यदि आपका काम बनते-बनते बिगड़ जाता है, या घर में रोग, व्यवसाय में घाटा होता चला जा रहा है और ऐसा नए घर में प्रवेश करने के बाद से प्रारम्भ हुआ है तो संभव है कि आपका घर या दफ्तर में वास्तु दोष हो, जिस कारण आपको समस्या का सामना करना पड़ रहा है।