प्रश्न कुंडली ज्योतिष । Horary Astrology - Gvat Gyan

आओ कुछ नया सीखते है...

प्रश्न कुंडली ज्योतिष । Horary Astrology

Prashna Kundali jyotish (astrology)


जातक द्वारा पूछे गए प्रश्न समय का लग्न साधन कर तात्कालित्क ग्रह स्थिति के आधार पर जो कुंडली बनायी जाती है, उसे “प्रश्न कुंडली” कहते है। प्रश्न कुंडली में लग्न, चंद्रमा, कार्य भाव या भावेश का अधिक महत्व होता है।

जन्म कुंडली जातक के गुण-दोष ,शक्ति, क्षमता ओर आने वाले शुभाशुभ समय की जानकारी देती है। इसके विपरीत प्रश्न कुंडली विशेष प्रकार के प्रश्न के उत्तर को खोजने के लिए बनायी जाती है।

महर्षि पाराशर कृत “वृहद प्राशर होरा शास्त्र” और कालीदास कृत “उत्तर कलामृत” आदि प्राचीन एवं प्रामाणिक ग्रन्थों ने भी प्रश्न ज्योतिष की उपयोगिता को स्वीकारा है।


प्रश्न कुंडली की उपयोगिता

संसार में ज्योतिष के विभिन्न प्रकार है जैसे- जन्म कुंडली, हस्तरेखा, मुखाकृति, अंक ज्योतिष आदि। जिसमे जन्म कुंडली सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन कई जातक ऐसे भी होते है, जिन्हे अपना जन्म मास, तिथि, समय आदि ज्ञात नहीं रहता या उसकी विश्वसनीयता मे संदेह होता है। इसके अतिरकित कुछ विशेष प्रकार के प्रश्न जैसे-

  1. चोरी हुई वस्तु किसके पास है? वस्तु मिलेगी या नहीं?
  2. मुझे इस संस्थान में प्रवेश मिलेगा या नहीं ?
  3. प्रवासी कब तक लोटेगा?
  4. मेरा अमुक काम बनेगा या नहीं? आदि।   
  5. दैनिक जीवन ऐसे ढेर सारे प्रश्न होते है, जिनका उत्तर मात्र प्रश्न कुंडली से ही देना संभव है। ऐसे स्थान में प्रश्न कुंडली बहुत कारगर है।

प्रश्न कुंडली और जन्म कुंडली में अंतर

जन्म कुंडली जातक के गुण दोष, शुभ अशुभ समय, शक्ति कमी, सुख दुख आदि की जानकारी देता है। प्रश्न कुंडली का निर्माण खास प्रश्न के उत्तर की तलाश के लिए किया जाता है।

प्रश्न कुंलड़ी पूछे गए प्रश्न के समय का लग्न साधन कर तत्कालीन ग्रह स्थिति के आधार पर बनायी जाती है। प्रश्न कुंडली में लग्न, चंद्र कुंडली और पूछे गए प्रश्न से संबधित भाव का ही अधिक महत्व होता है। अर्थात प्रश्न कुंडली में जब्न्म कुंलड़ी के समान गहन अध्यन नहीं करना पड़ता।

★★★

॥ All rights reserved॥ 

Tags:- Prashna kundli dekhna sikhe, Learn Traditional Horary Astrology in hindi, prashna kundli se bhavishya