पुराने समय में शरीर लक्षण सामुद्रिक शास्त्र (Samudrika
shastra)का ही विषय था, जिसमे शरीर की आकर्ति द्वारा भविष्य कथन किया जाता था, परन्तु वर्तमान में शरीर लक्षण को स्वतंत्र शास्त्र के रूप में अध्यन किया जाता है, हस्तरेखा शास्त्री को शरीर लक्षण का ज्ञान होना ही चाहिए, क्योकि यह किसी ठोस निर्णय में पहुँचने में काफी मदत करता है।
प्राचीन पुस्तकों से इस बात के संकेत मिलते है कि उस समय यह
विध्या काफी विकसित अवस्था रही होगी। क्योंकि सामुद्रिक शास्त्र
के अंतर्गत व्यक्ति के पांव के तलवे से
लेकर सिर के बाल तक का आधार मानकर फल
कथन किया जाता था। आइये शरीर लक्षण के बारे में जानने का जानने का प्रयत्न है-
शरीर लक्षण का उत्पत्ति और इतिहास
हिन्दू मान्यता के अनुसार- सामुद्रिक
शास्त्र (शरीर लक्षण सामुद्रिक शास्त्र का
ही अंग है) की रचना शिव जी की प्रेरणा से “कार्तिकेय” ने की थी, गणेश ने इस विशाल
ग्रंथ को समुन्द्र में फेक दिया था। फिर भगवान शिव के कहने पर समुन्द्र देव ने इस
विशाल ग्रंथ को वापस लोटा दिया। समुन्द्र में फेंक ने के कारण इसका नाम सामुद्रिक
शास्त्र पड़ा।
वाल्मीकि रामायण में भी कई स्थान पर
शरीर लक्षण का जिक्र आता है। यह काल त्रेता युग यानि आज से 120000 वर्ष पूर्व का
है। एक प्रसंग के अनुसार
ज्योतिषियों ने सीता के शरीर लक्षण के आधार पर पहले ही भविष्यवाणी
कर दी गयी थी कि कि आपको जंगल
में वास करना पड़ेगा, जो सत्य घटित हुआ।
एक अन्य हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार- पर्वत राज हिमाली की पुत्री “गिरजा” के विवाह योग्य
होने पर उनकी माता मैना सुयोग्य वर की तलाश में थी। तभी "महर्षि नारद"
प्रकट होते है और गिरजा के हाथ देखर कहते है, तुम्हारा पति योगी होगा। जो भगवान “शिव” थे।
शरीर लक्षण का महत्व
प्रत्येक व्यक्ति के
शरीर में कुछ चिन्ह अवशय पाये जाते है। इन चिन्हो के माध्यम से व्यक्ति के भाग्य का
अनुमान लगाया जा सकता है। अनुभव में
आया है कि
कई बार हस्त
रेखा में कोई लक्षण होने पर भी वह घटित नहीं होता। इसके पीछे कि एक वजह अंगों की बनावट, उस पर पाये वाले
शुभ अशुभ चिन्ह भी होते है।
क्योंकि व्यक्ति का भाग्य शरीर लक्षण पर भी निर्भर करता है।
ज्योतिष के विध्यार्थियों को यह बात सदेव स्मरण रखान
चाहिए कि एक दो लक्षण के आधार पर किया गया निर्णय गलत हो सकता है। शायद
इसीलिए ही सामुद्रिक शास्त्र में पैर के तलवों से लेकर सिर तक के लक्षणो का वर्णन मिलता
है। अगला भाग शीघ्र ही....
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