लाल किताब अनुसार केतू ग्रह । ketu according to Lal Kitab - Gvat Gyan

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लाल किताब अनुसार केतू ग्रह । ketu according to Lal Kitab

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ज्योतिष अनुसार केतू एक छाया ग्रह है। इसको ग्रह चक्र में 9 स्थान दिया गया है। इसके देवता गणेश जी है। राहू-केतू ग्रह एक दूसरे के पूरक ग्रह है क्योंकि राहू शीश है तो केतू पूंछ। केतू को राहू की तुलना में सौम्य ग्रह माना जाता है।

लाल किताब अनुसार केतू का पक्का घर खाना नंबर 8 है। इसके शुक्र, राहू मित्र, गुरु, शनि, बुध मित्र और चंद्र, मंगल शत्रु ग्रा है।

लाल किताब में केतू को झण्डा बोला गया है। यदि जातक की कुंडली में केतू उच्च का न हो तो उसे अपने घर, सवारी आदि में झण्डा नहीं लगाना चाहिए। कुंडली में केतू ग्रह के मंदा होने से जातक को मूत्र संबंधी व्याधि का सामना करना पड़ता है।

लाल किताब में प्रत्येक ग्रहों के मित्रशत्रु रंगधातुव्रक्षआदि कई तथ्यों का उल्लेख किया गया है। जिसके बारे में संक्षिप्त वर्णन नीचे दिया जा रहा है- 

पक्का घर
6
प्रबल समय
उषाकाल
श्रेष्ठ घर
3 9 10 12
दिन / वार
रविवार
मंदे घर
7 8 11
देवता
गणेश
मित्र ग्रह
शुक्र, राहू
रंग
काला, सफ़ेद
शत्रु ग्रह
चन्द्र, मंगल  
धातु
दो रंगी पत्थर
सम ग्रह
गुरु, शनि, बुध, सूर्य
रत्न
लहसुनिया
मनसूई ग्रह
शुक्र+शनि= उच्च
गुण

उच्च भाव
5 6 12
वृक्ष
इमली, नीबू  
नीच भाव
6 9
पशु
कुत्ता, छिपकली
व्यवसाय
मजदूर
अनाज
तिल, जौ
बीमारी
मूत्र, टांग, घुटने   



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