सूर्य ग्रह को नवग्रह चक्र में "प्रथम स्थान" प्राप्त है। सूर्य ग्रह को इंगलिश में Sun नाम से जाना जाता है। यह मान, पद, प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है।
लाल किताब ज्योतिष अनुसार कुंडली में खाना नंबर 1 सूर्य का पक्का घर है। खाना नंबर 1,5,8,9,11 और 12 में सूर्य श्रेष्ठ और खाना नंबर 6,7,10 में मंदा फल देता है। खाना नंबर 7 में सूर्य नीच का समझा जाता है। सूर्य के राहू, केतू शनि शुक्र शत्रु ग्रह, मंगल चंद बृहस्पति मित्र और बुध सम ग्रह की श्रेणी में आते है।
यदि किसी की कुंलड़ी में सूर्य के साथ राहू स्थित
हो तो "ग्रहण दोष" बनता है। जातक का
जीवन औसत दर्जे का होता है। जीवन में बदनामी या सरकारी जुरमाने का भी सामना करना पड़ता
है।
कुंडली में सूर्य की अनिष्ट होने पर नेत्र, हृदय, उदर रोग से ग्रसित होता है। सूर्य के शुभ होने पर सफलता सहज ही मिल जाती है।
विपरीत होने पर जातक को सफलता प्राप्त नहीं होती और एक साधारण जीवन व्यतीत करना
पड़ता है।
लाल किताब में ग्रहों के मित्र, शत्रु रंग, धातु, व्रक्ष, आदि कई तथ्यों का उल्लेख किया गया है। जिसके बारे में संक्षिप्त वर्णन
नीचे किए जा रहा है-
पक्का घर
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1
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प्रबल समय
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प्रातः 8-10 तक
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श्रेष्ठ घर
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1, 5, 8, 9, 11, 12
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दिन / वार
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रविवार
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मंदे घर
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6, 7, 10
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देवता
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विष्णु और सूर्य
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मित्र ग्रह
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चंद्र, गुरु, मंगल
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रंग
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पीला, नारंगी
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शत्रु ग्रह
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राहू, केतू, शनि,शुक्र
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धातु
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तांबा
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सम ग्रह
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बुध
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रत्न
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माणिक
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मनसूई ग्रह
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बुध+शुक्र
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गुण
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बहादुर, क्रोध, मान
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उच्च भाव
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1 (मेष राशि)
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वृक्ष
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लौंग,जायफल, इलायची
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नीच भाव
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7 (तुला राशि)
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पशु
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बंदर, काली गाय
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व्यवसाय
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क्षत्रिय
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अनाज
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बाजरा, गुड
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बीमारी
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ज्वर, नेत्र, सिर दर्द
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