लाल किताब में मगल ग्रह । Mars according to Lal kitab - Gvat Gyan

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लाल किताब में मगल ग्रह । Mars according to Lal kitab

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लाल किताब में मगल ग्रह (Mars according to Lal kitab Hindi) 

मंगल ग्रह को ग्रह चक्र में तीसरा स्थान दिया गया है। अंगेजी में इसे Mars नाम से जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में मंगल को सेनापति बोलकर संबोधित किया गया है। क्योंकि इस ग्रह से शौर्य का विचार किया जाता है। यानि जातक साहसी है या कायर, लड़ाई झगड़ा वाला है या शांत स्वभाव का आदि विषय का ज्ञान मंगल से ही किया जाता है।

मगल से भूमि और भाई का भी विचार किया जाता है। मंगल प्रधान वाले व्यक्ति बलिष्ठ और साहसी होते है। वीरता वाले काम में ऐसे लोग बचढ़कर हिस्सा लेते है। यह मस्तिक की तुलना में बल का अधिक प्रयोग करते है।   

मंगल एक क्रूर स्वभाव का ग्रह है। सूर्य और बृहस्पति इसके मित्र ग्रह है। शुक्र, राहू, केतू इसके शत्रु ग्रह है। मंगल का रंग लाल, धातु तांबा और रत्न मूंगा है। इसके अधिष्ठात्री देव हनुमान जी है, अतः हनुमान जी पूजा अर्चना करने से मंगल शुभ फल देता है।

लाल किताब में प्रत्येक ग्रह के मित्र, शत्रु रंग, धातु, व्रक्ष, आदि कई तथ्यों का उल्लेख किया गया है। जिसके बारे में संक्षिप्त वर्णन नीचे किया जा रहा है- 

पक्का घर
3
प्रबल समय
दोपहर
श्रेष्ठ घर
1 3 5 7 9 12
दिन / वार
मंगलवार
मंदे घर
4 8
देवता
हनुमान
मित्र ग्रह
सूर्य, गुरु, चंद्र
रंग
लाल
शत्रु ग्रह
केतू, बुध
धातु
तांबा
सम ग्रह
शुक्र, शनि
रत्न
मूंगा
मनसूई ग्रह
सूर्य+बुध
गुण
साहस
उच्च भाव
10
वृक्ष
नीम
नीच भाव
4
पशु
बंदर
व्यवसाय
सिपाही, सैनिक  
अनाज
गुड, लाल मिर्च, मसूर की दाल  
बीमारी
रक्त विकार
निवास
अग्नि

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