आंवला भारत मे पाये जाने वाला एक सर्व सुलभ वृक्ष है। इसे इंग्लिश में Indian goose berry नाम से भी जाना जाता है। इसके वृक्ष की लंबाई 20-30 फिट तक होती है। इसकी छाल पतली और भूरी होती है और पत्ते इमली जैसे होते है। इसके फल अक्तूबर से अप्रेल तक और पुष्प फरवरी से मई के बीच लगते है। आंवले के पेड़ से प्राप्त फल को आंवला कहते है, यह नीबू के आकार के और स्वाद में खट्टे होते है।
आंवला में पौषक तत्व (Amla
medical properties)
Chemical Composition of
Amla - आंवले में
कार्बोहाइड्रेट, खनिज,
विटामिन B-1, विटामिन C
आदि पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये
जाते है। आंवला विटामिन-C का एक अच्छा स्त्रोत है,
जितना विटामिन-C 4 नारंगी में पाया जाता है
उतना 1 आंवले में होता है।
आयुर्वेद
में आंवला (Amla according to Ayurveda)
Amla A
Divine Ayurvedic Supplement- आंवले को आयुर्वेद में आदिफल,
अमरफल आदि नाम
से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में आंवले की बहुत प्रशंसा की गयी है, आयुर्वेद के अनुसार आंवले के निरंतर सेवन से बुढ़ापा
नहीं आता। आंवला पौष्टिक,
शीतल, और पित्त नाशक है। इसका प्रयोग मुख्यतः आँख, केश, हृदय, मूत्र, मधुमेह
आदि रोग में किया जाता है। पित्त नाशक औषधि
होने के कारण
आंवले को रक्तपित्त, शीतपित्त,
अम्ल पित्त आदि रोग के उपचार में प्रयोग में लिया जा सकता है।
आंवले
के घरेलू उपचार (Home
remedies of Amla )
केश रोग (Hair disease)
सूखा
आँवला, शिकाकाई, अरीठा को
सामान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना ले। चूर्ण को 2 चम्मच की मात्रा में लेकर पानी में उबाल ठंडा करने के लिए रख दे। तत्पश्चात पानी को छान बाल को धोये। इससे बाल की गंदगी दूर होती है और बाल साफ और मजबूत होते है। बालो का गिरना भी कम हो जाता है।
झुर्रियाँ (Wrinkles)
आंवले में “सकसीनिक अम्ल” नामक अम्ल
भी पाया जाता है, जो झुर्रीयों को पड़ने से रोकता है, और नव यौवन को बनाए रखने में मदत करता है। इसलिए आँवले का नित्य सेवन करने से और साथ ही
साथ सुबह शाम नारियल आदि तेल से झुर्रियों पर मालिश करने से झुर्रियों में लाभ
होता है।
नेत्र
ज्योति (Eye
diseases)
आँवले
के नित्य सेवन से आँखों की ज्योति बढ़ती है,
चश्मा नहीं चढ़ता। अतः बच्चो का आँवले का सेवन अवश्य करना चाहिए।
इसके
अतिरिक्त किसी
बर्तन में 5
ग्राम सूखे आंवले के चूर्ण को 250 ग्राम पानी
में भिगोकर रात्री में
रख दे। प्रातः
इस उस पानी को महीन कपड़े से छानकर आँख धोने से अनेक
प्रकार के नेत्र रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग
अनुभवी की सलाह से ही करें।
हृदय
रोग (Heart disease)
आंवला हृदय के लिए अत्यंत लाभकरी है। यह रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। नित्य 1 चम्मच आँवले के चूर्ण का दूध के साथ लेने से हृदय स्वस्थ रहता है। दिल के रोगी को दिन
में 2-3 आंवले के सेवन करने की सलाह दी जाती है।
स्मरण
शक्ति (Lack of memory)
आंवला मे विटामिन C और खनिज भरपूर मात्रा में पाये
जाते है। आंवले में मौजूद Antioxidant मस्तिष्क
को स्वस्थ बनाने में मदत करता है। जिन बच्चो को पढ़ा हुआ याद नहीं रहता उन्हे
नित्य आँवले का सेवन करना चाहिए। यदि बच्चे
आंवला खाना पसंद न करते हो तो ऐसे में आँवले का मुरब्बा भी दिया जा सकता है।
मधुमेह
(Diabetes)
आंवले
का सेवन मधुमेह के रोगी के लिए बेहद फायदेमंद है। सूखे आंवले और जामुन की गुठली को सामान मात्र में लेकर 1-2 छोटा चम्मच नित्य प्रातः काल खाली पेट सेवन करने से Blood Sugar
Level control में रहता है।
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