राहू एक “छाया ग्रह” है। इसको ग्रह चक्र में “आंठवा” स्थान दिया गया है। इसके देवता माता “सरस्वती” है। बुध, शनि, केतू इसके मित्र ग्रह है। और सूर्य, मगल और शुक्र शत्रु ग्रह है। कुंडली में इसका “पक्का घर” खाना नंबर 12 है।
लाल
किताब के अनुसार राहू-केतू शनि अनुसार चलते है और मंगल के अभाव में राहू बिगड़ा हुआ
हाथी जैसा होता है। जीवन में आकस्मिक होने वाली घटना चाहे वह शुभ हो या अशुभ राहू
के कारण होती है।
राहू के अशुभ होने पर चाँदी का चकौर टुकड़ा
अपने पास रखना चाहिए। मांस मंदिरा से दूर रहे सात्विक जीवन व्यतीत करें। बीमार
होने पर अपने वजन के बराबर जो पानी में बहाये।
लाल किताब में प्रत्येक ग्रहों के मित्र, शत्रु रंग, धातु, व्रक्ष, आदि कई तथ्यों का उल्लेख किया गया है। जिसके बारे में संक्षिप्त वर्णन
नीचे किया जा रहा है-
पक्का घर
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12
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प्रबल
समय
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दोपहर
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श्रेष्ठ
घर
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3
4 6
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दिन /
वार
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रविवार की शाम
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मंदे घर
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1
2 5 7 12
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देवता
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सरस्वती
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मित्र
ग्रह
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शनि, बुध, केतू
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रंग
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नीला
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शत्रु
ग्रह
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सूर्य, मंगल, शुक्र
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धातु
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सिक्का
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सम ग्रह
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गुरु, चंद्र
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रत्न
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गोमेद
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मनसूई
ग्रह
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मंगल+शनि= उच्च
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गुण
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चिंतन
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उच्च भाव
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3 6
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वृक्ष
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नारियल, घास
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नीच भाव
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8 9 11
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पशु
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हाथी, चूहा
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व्यवसाय
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मेहनत
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अनाज
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जौ
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बीमारी
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ज्वार
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