कौवा सम्पूर्ण विश्व में पाये जाने वाला एक पक्षी है, यह पेड़ो में घोसला बनाकर रहते है। विश्व के अधिकांश क्षेत्रों में पाये जाने वाले कौआ काले रंग के होते है। कौवे को लालची और दुष्ट प्रवती का पक्षी माना जाता है। राजस्थान में एक कहावत है “मलके माय हाडा काळा” अर्थात दुष्ट व्यक्ति हर जगह मिलते है।
कौवे को पक्षियों में सर्वाधिक चतुर पक्षी माना जाता है। कौवे की आँखों की दृष्टि अच्छी नहीं होती। फिर भी यह अपनी चतुराई के बल पर अपना भोजन खोज लेते है। कौवों
में अपने आप को परिस्थिति के अनुसार ढाल लेने की अद्भुद क्षमता होती है, शायद
इलसिए ही इनका वजूद विश्व भर में पाया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार कौवे के मस्तिष्क की शारीरिक रचना मनष्य
से काफी मिलती है।
कौवे से जुड़े शकुन अपशकुन (Omens Related To Crow)
शकुन
शास्त्रियों कि ऐसी मान्यता है, कि कौवे अद्भुत शक्ति से
युक्त होते है। इनमे भविष्य देखने की
क्षमता होती है। यह विभिन्न माध्यम से मनुष्य को बताने का प्रयत्न
भी करते है।
शकुन ज्योतिष में “काक शकुन” को सर्वाधिक प्रामाणिक माना गया है। इसी गुण के कारण प्राचीन काल से ही कौवे से भविष्य के संकेत पता लगाया जाता रहा है। “रामायण, महाभारत” आदि प्राचीन ग्रंथो में भी काक बोली विचार का जिक्र कई जगह पर मिलता है।
.
शकुन ज्योतिष में “काक शकुन” को सर्वाधिक प्रामाणिक माना गया है। इसी गुण के कारण प्राचीन काल से ही कौवे से भविष्य के संकेत पता लगाया जाता रहा है। “रामायण, महाभारत” आदि प्राचीन ग्रंथो में भी काक बोली विचार का जिक्र कई जगह पर मिलता है।
.
1.
यदि कौवा किसी के सिर पर बैठ जाए या स्पर्श कर ले तो यह महा अपशकुन है, इसे मृत्युतुल्य कष्ट का सूचक माना गया है। ऐसे
में महामृतुंजय का
जप करवाना चाहिए। यदि कौआ पाँव पर स्पर्श करे तो जातक उन्नति करेगा। यदि
प्रातः काल ये शकुन बने तो विशेष लाभकारी होता है।
2. यदि बहुत सारे कौवे घर की छत पर शोर करे या आपस में लड़ने लगे तो यह एक शुभ लक्षण नहीं है। शकुन
शास्त्र के अनुसार निकट भविष्य में घर के मालिक को संकट का सामना करना पड़ सकता
है।
3. यदि कोवा दक्षिण की दिशा में मुख करके बैठे तो घर में किसी को रोग या मृत्युतुल्य कष्ट का सामना
पड़ेगा।
4. यदि मार्ग में जाते समय कौआ किसी बर्तन में पानी पीता
दिख जाये, तो यह एक शुभ शकुन है। इस
शकुन के फलस्वरूप आपको कार्य में सफलता मिलेगी। यदि कौआ मुख
में भोजन लिए हो तो अभीष्ट कार्य की सिद्धि होगी।
5. यदि कौआ किसी के शरीर में
बीट कर दे तो यह शुभ लक्षण नहीं है, निकट भविष्य में शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
काक बोली शकुन विचार (The crowing of Crow)
काक बोली अर्थात कौवे की बोली से संबन्धित कुछ शकुन तो जग
प्रसिद्ध है, जैसे- यदि कौवा आपके घर की छत पर बोले तो समाचार की प्राप्ति होगी या कोई मेहमान घर आएगा।
अगर हम कौवे की बोली
को ध्यान से सुने तो बोली में अंतर भी पता चलता है। नीचे कौवे के विभिन्न उच्चारण से शुभाशुभ शकुन विचार
का वर्णन किया जा रहा है।
1.
यदि कौवा “कुं-कुं” करें तो आकस्मिक लाभ की प्राप्ति होगी और यदि
“कूं-कूं” करे तो मृत्यु का समाचार मिलेगा, ऐसा विचार करना चाहिए।
2.
यदि कौवा “कोइन-कोइन” करें तो देश के किसी सम्मानित व्यक्ति की मृत्यु का सूचक है।
3.
“कुल-कुल” की ध्वनि करें तो सम्मान या पुरस्कार की प्राप्ति होगीं।
4.
“क्रोन-क्रोन” करे तो पित्र देव की प्रसन्नता का सूचकहै।
5.
यदि कौवा जब “काई-काई” ध्वनि करे तो किसी शुभ समाचार की प्राप्ति
होगी।
संभव है ,कि
प्रारम्भ में आपको कौवे कि बोली में अंतर समझ न आए लेकिन थोड़े से प्रयत्न से आप शीघ्र ही इसे समझने में प्रांगत हो जायेंगे, ऐसा हमारा द्रढ विश्वास है। यदि आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे Share करना न भूले।
You Might Also Like:-
★★★
॥ All rights reserved॥
Search key:- Indian omens
related to crow, kauwa ka bolna, crow shakun apshakun in hindi, crow ke bare mein
jaankari, kauwe se jude andhavishvas, crow superstition